Shiv ko Mahadev kyon Kahate Hain

प्रस्तुत विडिओ मे स्वामी सत्यामित्रानंद गिरि जी महाराज ने भारतीय इतिहास मे श्रवण और श्रावण का महत्व वर्णित किया है। स्वामी जी कहते हैं की जो साहित्यिक व्यक्ति होता है उसका सबसे बड़ा मित्र शब्द, विचार, शास्त्र एवं ग्रंथ होते हैं।

Shiv ko Mahadev kyon Kahate Hain | Satyamitranand Ji

स्वामी जी के अनुसार इस संसार मे ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसके मन मे साधारण विचारों की उत्पत्ति ना होती हो, लेकिन उन विचारों पर नियंत्रण करने के लिए व्यक्ति को श्रावण मास मे भगवान शंकर की आराधना करनी चाहिए।

स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज
 सनातन परंपरा के संतों में सहज, सरल और तपोनिष्ठ स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि का नाम उन संतों में लिया जाता है, जहां से कोई भी पद या पुरस्कार छोटा मिलता है। तन, मन और वचन से परोपकारी संत सत्यमित्रानंद आध्यात्मिक निजी के धनी थे। उनका जन्म 19 सितम्बर 1932 को आगरा के एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था।
Satyamitranand Ji Pravachan

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