स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज- भारत माता मंदिर के संस्थापक और आध्यात्मिक गुरु भारत-भूमि का आकाश अद्वितीय आध्यात्मिक अवतारों, महान विभूतियों, ऋषि-मुनियों, योगियों, तपस्वीजनों, सिद्ध-संतों- महापुरुषों रूपी जाज्वल्यमान नक्षत्रों से दैदीप्यमान रहा है। राम, कृष्ण, शिव, बुद्ध, वेदव्यास, शंकराचार्य, नानक आदि अनेकानेक दिव्य व अलौकिक शक्तियों तथा सद्गुरुओं ने इस भूमि को बारम्बार ब्रह्मज्ञानामृत का पान कराया है। इसी क्रम मे 19 सिंतबर, 1932 को पूज्य श्री स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज का जन्म हुआ। स्वामी जी ने अपनी अत्यंत व्यापक वैचारिक दृष्टि से राष्ट्र, संस्कृति, नारी, मानवता, सौन्दर्य व शिक्षा आदि विभिन्न विषयों पर अत्यन्त सारगर्भित एव निष्पक्षत: प्रकाश डाला है। आध्यात्मिक गुरु स्वामी सत्यमित्रानंद गिरि जी महाराज स्वामी जी की दृष्टि में संस्कृति का अर्थ है किसी राष्ट्र के जीवन में निरन्तर प्रवाहमान वह भाव जिसके द्वारा मानव में सत्य, शिव और सुन्दर के प्रति निरन्तर प्रेम, उत्साह और श्रद्धा जाग्रत हो। इस परिभाषा के आधार पर हम जीवन के प्रत्येक क्षेत्र को संस्कृत...
भारत माता चैनल इस देश की संस्कृति को जीवित रखने की ओर एक पहल है। हमारा प्रयास है कि भारतीय इतिहास, संस्कृति, धर्म, व वेद पुराणों का ज्ञान जन-जन तक प्रेषित करें।
Comments
Post a Comment