श्री C. P. Radhakrishnan: भारत के 15वें उपराष्ट्रपति की संपूर्ण जानकारी
भारत ने हाल ही में अपने 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव किया है, और यह जिम्मेदारी सौंपी गई है श्री C. P. Radhakrishnan को। उनका राजनीतिक, सामाजिक और वैचारिक सफर युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे — C. P. Radhakrishnan कौन हैं, उपराष्ट्रपति का पद क्या होता है, निर्वाचन प्रक्रिया कैसी होती है, और इस पद पर क्या-क्या अधिकार एवं सुविधाएँ मिलती हैं।

श्री C. P. Radhakrishnan कौन हैं?
- पूरा नाम: Chandrapuram Ponnusamy Radhakrishnan
- जन्म: 4 मई 1957, तिरुप्पुर (तमिलनाडु)
- राजनीतिक सफर:
- 1998 और 1999 में कोयंबटूर से लोकसभा सांसद चुने गए।
- भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से गहरी जुड़ाव।
- झारखंड, तेलंगाना और पुडुचेरी के राज्यपाल रह चुके।
- जुलाई 2024 से सितम्बर 2025 तक महाराष्ट्र के राज्यपाल रहे।
- वर्तमान पद: भारत के 15वें उपराष्ट्रपति।
उनका जीवन संघर्ष, राजनीति और राष्ट्र सेवा का अद्भुत मिश्रण है।
भारत के उपराष्ट्रपति का पद क्या होता है?
भारत का उपराष्ट्रपति, संविधान के अनुसार, देश का दूसरा सर्वोच्च संवैधानिक पद है।
- उपराष्ट्रपति राज्यसभा के पदेन अध्यक्ष (Ex-Officio Chairman of Rajya Sabha) होते हैं।
- अगर राष्ट्रपति अनुपस्थित हों या पद रिक्त हो जाए, तो उपराष्ट्रपति कार्यकारी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी निभाते हैं।
यह पद न केवल औपचारिक है, बल्कि भारतीय लोकतंत्र में संतुलन और अनुशासन बनाए रखने का भी कार्य करता है।
उपराष्ट्रपति का निर्वाचन कैसे होता है?
उपराष्ट्रपति का चुनाव भारत के दोनों सदनों — लोकसभा और राज्यसभा के सांसदों द्वारा किया जाता है।
- मतदान गुप्त मतपत्र (Secret Ballot) से होता है।
- चुनाव प्रणाली: Single Transferable Vote (एकल हस्तांतरणीय मत)।
- नामित सांसद भी इस मतदान प्रक्रिया में भाग लेते हैं।
2025 का चुनाव परिणाम
- कुल मतदाता: 781 सांसद
- मतदान करने वाले सांसद: 767 (98.2% उपस्थिति)
- C. P. Radhakrishnan को मिले वोट: 452
- प्रतिद्वंदी B. Sudershan Reddy को वोट: 300
- अमान्य वोट: 15
यह जीत न केवल राजनीतिक विजय थी, बल्कि एक राष्ट्रीय वैचारिक प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बनी।
उपराष्ट्रपति की सुविधाएँ और लाभ
उपराष्ट्रपति को कई विशेष सुविधाएँ और अधिकार मिलते हैं:
- आधिकारिक निवास: “Vice-President’s Enclave” (108 Church Road, नई दिल्ली)।
- वेतन और भत्ते: उपराष्ट्रपति को अलग वेतन नहीं मिलता, बल्कि राज्यसभा अध्यक्ष के रूप में वेतन और भत्ते प्रदान किए जाते हैं।
- कार्यकाल: 5 वर्ष।
- सेवानिवृत्ति लाभ: पूर्व उपराष्ट्रपति को पेंशन, सुरक्षा और कुछ विशेष सुविधाएँ दी जाती हैं।
परीक्षा-उन्मुख महत्वपूर्ण तथ्य

निष्कर्ष
श्री C. P. Radhakrishnan का उपराष्ट्रपति पद पर आसीन होना भारतीय राजनीति में एक नई दिशा और दृष्टिकोण की शुरुआत है। उनके अनुभव, विचारधारा और कार्यशैली आने वाले वर्षों में देश के लोकतंत्र और संसद के संचालन को नई मजबूती देंगे
👉 Bharat Mata Channel इस अवसर पर उन्हें हार्दिक शुभकामनाएँ और बधाई देता है।
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